सब्र.
वो मुझ को छोड़ के… जिस आदमी के पास गया… बराबरी का भी होता… तो सब्र आ जाता…!!
वो मुझ को छोड़ के… जिस आदमी के पास गया… बराबरी का भी होता… तो सब्र आ जाता…!!
खुद अपने पांव पकड़ कर मैने… अपने किए की मांगी है मांफिया…!! shayari
मुफ़लिसों की ज़िंदगी का ज़िक्र क्या… मुफ़्लिसी की मौत भी अच्छी नहीं…!! shayari
अंदर की घुटन का… हमें अंदाज़ा नहीं था…वर्ना ये मौका।… और हवादार बनाते…!! sad shayari
किसी दिन हाथ धो बैठोगे हम से… तुम्हें चस्का बहुत है बेरुख़ी का…!! shayari
रात भर, रात को… एक रात जगाया जाए… रात को मालूम तो हो… हम पे गुजरती क्या है…!!