आज वो सक्स मुझे धुंधला – धुंधला सा लग रहा है /
हालातो का असर है या मौसम बदल रहा है //
कहते हो मेरा जिक्र भी नही है शबे महफिल मे /
फिर मेरे ही नाम से ये शोर क्यो चल रहा है //
मुझे भूल जाने की हसरत है या मुझे मिटाना चाहाता है /
जरा मुझे भी तो खबर हो के तेरे जहन मे क्या चल रहा है //
गर बेताब है दिल गुमा निकालने को /
मेरी भी तो आरजू होगी मेरा भी तो मन मचल रहा है //
आग तेरे गांव मे फैलगयी तो हैरानी कैसी “गौरव” /
जरा बाहर निकल के देख आज तो पुरा आंशिया जल रहा है //
मुझे खबर है तेरे शहर मे सब समुन्द्र सुख गये /
जब तु प्यासा है तो तेरी आंखो से पानी क्यू निकल रहा है /