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देश भक्ति शायरी हिंदी
संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे, हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे हम मिलजुल के रहे ऐसे की मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे. Jai Hind! |
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!! |
“चूमना पड़ता है फाँसी का फंदा चरखा चलाने से इंकलाब नही मिलता” माँ भारती के अमर सपूत भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहीद दिवस पर महान हुतात्माओं को भावभीनी श्रद्धांजली एवं शत शत नमन जय हिन्द। वंदे मातरम् |
उनके हौंसले का मुकाबला ही नहीं है कोई जिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार है आज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्यूंकि सीमा पे जवान बलिदान को तैयार है… |
कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की मान का है, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है…. |
मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा ये मुल्क मेरी जान है इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल और जां कुर्बान है |
दिलों की नफरत को निकालो वतन के इन दुश्मनों को मारो ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन भारत माँ के सम्मान को बचा लो |
इस वतन के रखवाले हैं हम शेर ए जिगर वाले हैं हम मौत से हम नहीं डरते मौत को बाँहों में पाले हैं हम |
गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है दिल से तुमको नमन हैं करते ये आजाद वतन जो दिलाया है |
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये जय-हिन्द * |
वतन हमारा मिसाल है मोहब्बत की , तोड़ता है दीवार नफरत की , मेरी खुश नसीबी है मिली जिंदगी इस चमन में , भुला ना सके कोई इसकी खुशबू सातों जन्मों में..!! |
ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..!! |
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं, माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं, देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं..!! |
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे |
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना ! |
ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..!! |
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि, मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा |
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये !! |
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा। परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आसमाँ का वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा !! |
जब देश में थी दिवाली….. वो खेल रहे थे होली… जब हम बैठे थे घरो में…… वो झेल रहे थे गोली… क्या लोग थे वो अभिमानी… है धन्य उनकी जवानी……… जो शहीद हुए है उनकी… ज़रा याद करो कुर्बानी… ए मेरे वतन के लोगो… तुम आँख में भर लो पानी..!! |
खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,, |
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है… |
कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की मान का है, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है !! |
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ। |
तिरंगा हमारा हैं शान- ए-जिंदगी वतन परस्ती हैं वफ़ा-ए-ज़मी देश के लिए मर मिटना कुबूल हैं हमें अखंड भारत के स्वपन का जूनून हैं हमें..!! |
वतन हमारा ऐसे ना छोड़ पाए कोई, रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई, दिल हमारे एक है एक है हमारी जान, हिंदुस्तान हमारा हैं हम हैं इसकी शान. |
सदा ही लहराता रहे ये तिरंगा हमारा सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा गूंज उठता हैं जहां में चारो ओर….. लोगो की जुबान से वन्दे मातरम का नारा वतन की सर बुलंदी के लिए ये दिल क्या ख़ुशी ख़ुशी मिट जाए ये जिस्म भी हमारा जो शहीद हो गए वो अमर कहलाये अक्सर उनकी कुरबानियों के आगे सदा नमन हमारा इस देश के वासी बखूबी ये जानते हैं की सोने की चिड़िया कहलाता प्यारा देश हमारा |
चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले, शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले, जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे देश भक्तो के खून की वो धारा याद करले..|| |
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, है दोनों इंसान, ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान, इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हैं , मेरा बस एक ही अरमान एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान. |
ना पूछो ज़माने को, क्या हमारी कहानी हैं.. हमारी पहचान तो सिर्फ ये हैं की हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं…!! |