Love Shayari

अब में ऐसा ही नसीब चाहता हूँ।

में उसको साथ अपना वजूद चाहता हूं..
अग्नि को साक्षी मान कर बंधना उसको मंगलसूत्र चाहता हूं…

वो मेरे साथ जन्मों की साथी बने मरीब चाहता हूं.
में उसको दुआओ में ऊपर वाले से माँगकर तस्दीक़ चाहता हूँ..

बस वो मुझे मिले हर जन्म.
अब में ऐसा ही नसीब चाहता हूँ।

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