Categories : Struggle ShayariLeave a comment
कहां गए…. मेरे प्यारे रिश्तेदारों,
कहां गए…. मेरे प्यारे रिश्तेदारों, देखो…. आज मैं चैन से बैठा हूं !!
कहां गए…. मेरे प्यारे रिश्तेदारों, देखो…. आज मैं चैन से बैठा हूं !!
जिंदगी का दूसरा नाम एडजस्टमेंट है….!
हटाकर खाक को दाना उठाना सीख लेता है!परिंदा चार दिन में फडफडाना सीख लेता है! ग़रीबी ला के देती है बिन मांगे हुनर ऐसा!कि नाज़ुक जिस्म भी बोरे उठाना सीख लेता है!😥