दूनिया भी उसे बहुत करीब से चाहिये /
उसे मै भी पसंद हू ओर रकीब भी चाहिये //
आज उसका दामन मुझसे छुडाकर ले गया वो /
ओर लोग कहते है उसे पाने के लिये नशीब चाहिये //
अब इस बात का फैसला तुझपर है “गौरव” /
तुझे जिन्दगानी पसंद है या नसीब चाहिये //
सुना है तु रकीबो की अच्छाइयो से रुबरु कबसे /
अरे काशी को पढने की खातिर जमीर चाहिये //
मुहब्बत इबादत है पूजा है अमीर नही है /
प्यार करने के लिए आदत से फकीर चाहिये //