Sad Shayari

कहाँ चिराग़ जलायें कहाँ गुलाब🌹 रखें छतें तो मिलती हैं ….

कहाँ चिराग़ जलायें कहाँ गुलाब रखेंछतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता चिराग़ जलते ही बीनाई बुझने लगती हैख़ुद अपने घर में ही घर का निशाँ नहीं मिलता